PM Vishwakarma योजना में 18 पारंपरिक व्यवसाय शामिल, जानिए आवेदन प्रक्रिया
PM Vishwakarma Yojana : भारत सरकार ने अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों के पेशे को मजबूत करने और बढ़ावा देने के लिए PM विश्वकर्मा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 5% की किफायती ब्याज दर पर 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक की ऋण सहायता प्रदान की जाती है। उसके बाद में कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन में सहायता प्रदान की जाएगी। मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक आपको जानकारी के लिए बता दें की कैबिनेट समिति ने पिछले महीने पांच साल की अवधि (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) में 13,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ इस नई केंद्रीय योजना (प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना) को मंजूरी दी है।
18 पारंपरिक व्यवसायों को मिलेगा PM विश्वकर्मा योजना का लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के पहले चरण में 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार – बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाले, पत्थर तोड़ने वाले), मोची/जूता बनाने वाले, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई /झाड़ू निर्माता/जूट बुनने वाले, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल निर्माता के लिए यह योजना वरदान है।
लाभार्थी को कैसे मिलेगा योजना का लाभ ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की मदद ले सकते हैं। इसमें पंजीकरण करने के लिए सबसे पहले अपना मोबाइल और आधार सत्यापित करना होगा। उसके बाद कारीगर पंजीकरण फॉर्म के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद आपको पीएम विश्वकर्मा डिजिटल आईडी और सर्टिफिकेट डाउनलोड करना होगा। अब आप विभिन्न घटकों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत डिजिटल आईडी और प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद आप 5-7 दिन (40 घंटे) का कौशल विकास प्रशिक्षण ले सकते हैं। आप चाहें तो 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। इसमें आपको प्रतिदिन 500 रुपये स्टाइपेंड भी मिलेगा।
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